थाली रखकर नीचे चलती गई वह ऊपर लाल रंग से गाल रंग कर पीली फॉक पहनकर। थाली रखकर नीचे चलती गई वह ऊपर लाल रंग से गाल रंग कर पीली फॉक पहनकर।
भक्ति रचना भक्ति रचना
वो चलते होंगे वही राह जो तुमने और हमने रोज कई बार चली होगी, पर उनकी एक ही चाल काफी होती है उनके आसमा... वो चलते होंगे वही राह जो तुमने और हमने रोज कई बार चली होगी, पर उनकी एक ही चाल का...
कभी तो समझेंगें वो मुझे, बस इसी सब्र में ही, क्या बची ज़िन्दगी कटेगी मेरी रसोई-घर में ही। कभी तो समझेंगें वो मुझे, बस इसी सब्र में ही, क्या बची ज़िन्दगी कटेगी मेरी रसोई-घर...
तू भूल बैठा है मुझे ना जाने किसकी खातिर, तरसी है आंखे एक तुझे देखने की खातिर,।। तू भूल बैठा है मुझे ना जाने किसकी खातिर, तरसी है आंखे एक तुझे देखने की खातिर...
मासूम कन्या की उजड़ी ज़िंदगी...। मासूम कन्या की उजड़ी ज़िंदगी...।